Uttarakhand

सवालों के घेरे में आए विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई,विधायक ने कहा भूलवश नेपाल सीमा तक पहुंच गए कारतूस


देहरादून।  रानीखेत से भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई को भारत नेपाल सीमा के पास चेकिंग अभियान के दौरान दौरान अवैध सम्मान के साथ 40 जिंदा कारतूस मिले हैं,जिसको लेकर कई सवाल विधायक के भाई के साथ विधायक पर भी उठ रहे हैं, सब के द्वारा आवा आईडीएच सामान और 40 जिंदा कारतूसों को स्थानीय थाना बनबसा के हवाले किया गया, साथ ही प्रमोद नैनवाल के भाई और उनके ड्राइवर को भी पुलिस के हावले कर दिया गया, मामला अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हुआ है इसलिए कांग्रेस इसे काफी गंभीरता से लेने की बात करते हुए कई सवाल भी विधायक और विधायक के भाई पर कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महारा का कहना है कि प्रशासन और पुलिस विधायक के भाई को बचाने का प्रयास करने में जुट गई है वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा की दृष्टि से सवाल भी खड़े किए हैं तो वही राज्यपाल के समक्ष आंतरिक सुरक्षा के मसले पर मुलाकात करने की बात कही है।

प्रमोद नैनवाल ने मीडिया के समक्ष रखी बात

भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल पर जहां कांग्रेस आक्रामक नजर आ रही है, और ssb के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर उनसे बरामद किए गए समान और जिंदा कारतूसों को लेकर सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल खड़े कर रही है। वहीं भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल का कहना है कि उनके भाई के बैग में गलती से कारतूस चले गए थे, और चेकिंग अभियान के दौरान जब बैग से कारतूस मिले तब उनके भाई को पता चला,उनके भाई के पास पिस्टल का भी लाइसेंस है,लेकिन उनके पास पिस्टल उस समय नहीं थी,जिससे साबित होता है कि उनका भाई जानबूझकर कारतूस नहीं ले गया,यह सब भूल वश हुआ है। उनके भाई के द्वारा पुलिस को कारतूस खरीदने के बिल और पिस्टल का लाइसेंस दिखाया गया है,जिसके बाद पुलिस के द्वारा उनके भाई को छोड़ दिया गया है,उनका भाई ठेकेदार है,और उव नेपाल मजदूरों को लेने के लिए जा रहा था,और इसी दौरान उनकी बैग में गलती से कारतूस चले गए। विपक्ष इसे बेवजह मुद्दा बना रहा है।

 

 

 कुल मिलाकर देखते तो विधयाक के भाई से जिस तरह कारतूस बरामद हुए है,उसे कांग्रेस विधायक के भाई और विधायक पर भी सवाल खड़े कर रही है,लेकिन ये भी सच्चाई है कि अपने भाई सतीश नैनवाल की वजह से विधायक प्रमोद नैनवाल कई बार सुर्खियों में आ गए है,पहले उद्यान घोटाले में प्रमोद नैनवाल के भाई का नाम आने से विधायक पर सवाल खड़े, हुए तो फिर एक मारपीट के आरोप में और अब अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मिले कारतूस से विधायक प्रमोद नैनवाल की छवि को भी नुकसान पहुंचा है।



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