Uttarakhand

भाजपा सांसदों,विधायकों के साथ नेताओं के लिए सदस्य बनाने का पार्टी ने लक्ष्य किया निर्धारित,लक्ष्य तक पहुंचने के लिए नेताओं को करनी होगी दौड़ भाग


देहरादून।  उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के द्वारा अपने नेताओं को सदस्यता अभियान के तहत सदस्य बनने को लेकर लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है, पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है जब सदस्यता अभियान में नेताओं के सामने सदस्य बनने को लेकर लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिससे कहा जा सकता है कि अब भाजपा के सांसदों विधायकों मंत्रियों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों और निकाय के चुने हुए प्रतिनिधियों के सामने भी नए सदस्य बनने को लेकर पसीना बहाना होगा,खासकर सांसदों और विधायकों के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे हासिल सभी कर पाएंगे,यह भी बड़ी बात होगी,पार्टी ने उत्तराखंड में जहां 23 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है,तो वहीं सभी सांसदों को 15000 सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है, तो विधायकों को भी 10000 सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है, जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष को भी 10000 का लक्ष्य नए सदस्य बनाने का दिया गया है, तो नगर निगम के मेयर, दायित्वधारियों को भी लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है, नगर निगम मेयर को 7000 तो दायित्व अधिकारियों को 5000 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ब्लॉक प्रमुख, जेस्ट एवं कनिष्ठ प्रमुख के लिए भी 2000 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, तो सहकारी समितियां के अध्यक्ष उपाध्यक्ष को भी एक हजार नए सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, नगर पंचायत अध्यक्ष जिला पंचायत सदस्य और पार्षद को एक हजार नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है, तो क्षेत्र पंचायत और सभासद वार्ड मेंबर को 500 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है। जनप्रतिनिधियों के साथ ही संगठन में पद संभालने वाले पदाधिकारी को भी 2000 सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है,तो प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य को 1000 सदस्य महिला मोर्चा पदाधिकारी को भी 1000 नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है तो यह लक्ष्य मंडल मोर्चा कार्यकारिणी सदस्य तक शौक के करीब पहुंच जाता है। खास बात यह है कि भाजपा का जो भी सक्रिय सदस्य बनेगा उसे भी 100 सदस्य बने अनिवार्य होंगे। सदस्यता अभियान के प्रमुख बनाये गए कुलदीप कुमार का कहना है कि जो भी लक्ष्य पार्टी की तरफ से निर्धारित किया गया है,उसे रोजना मॉनिटरिंग भी किया जा रहा है, आखिर किस नेता के द्वारा कितने सदस्य बनाए गए हैं,यह सदस्यता अभियान को लेकर जो जो ऐप तैयार किया गया है उसमें आंकड़े अपडेट हो रहे हैं,जो भी नेताओ जितने सदस्य बनाएगा,उसके आंकड़े हाईकमान को भी भेजे जाएंगे।

 

 कुल मिलाकर देखें तो पर्वतीय क्षेत्र के नेताओं के लिए इस अभियान के तहत जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे हासिल करना बेहद मुश्किल होगा, क्योंकि बूथ लेवल से लेकर प्रदेश स्तर तक के जितने भी नेता हैं,सभी नेता खुद के लिए भी सदस्य बनाने का काम कर रहे हैं, इसलिए विधायक मंत्री और सांसद इस भ्रम में ना रहे उनके कार्यकर्ता जिस तरह चुनाव के समय उन्हें वोट दिलाते है,सदस्य्ता अभियान में भी वह उनके लिए सदस्य बनाने का काम करें, क्योंकि पार्टी के द्वारा सभी के रिकार्ड पर इस समय नजर है,हालांकि सवाल इस बात को लेकर भी उठ रहे हैं कि आखिर कर जिस तरीके से विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के साथ पार्टी ने विधायक सांसद मंत्रियों पर सदस्य बनाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है,उसको देखते हुए कहीं ऐसा तो नहीं की विकास कामों को आगे बढ़ने से ध्यान भटकते हुए नेता सदस्यता अभियान में जुड़ जाए और उसे विकास कार्य प्रभावित हो लेकिन कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा का कहना है कि भाजपा लगातार जनता के बीच रहती है, और सदस्यता अभियान से भी आम जनता के बीच जाने का मौका जब नेताओं को मिलेगा तो उसे जनता के काम भी होंगे,भाजपा जिस तरीके से लगातार जनता के बीच रहती है उसे फायदा पार्टी को चुनाव के समय मिलता है।

 

 

भाजपा ने अपने नेताओं को जो लक्ष्य सदस्यता अभियान में नए सदस्य बनाने का दिया है उसे तो यह बात साबित है कि जो नेता जनता के बीच कम रहते हैं,चाहे वह विधायक सांसद या मंत्री हो उन्हें अब सदस्य बनने के लिए जनता के बीच पहुंचकर पसीना भी बहाना पड़ेगा। अगर तय लक्ष्य को बड़े नेता हासिल नही कर पाए हाईकमान के साथ पार्टी के बीच ऐसे बड़े नेताओं किरिकरी भी होना तय है।



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